Friday, June 28, 2019

गुण - आत्मा सम्बंध

गुण और आत्मा

प्राणी के देह में जीवात्मा को छोड़ अन्य जो है , वह सब माया है । माया क्या है ? तीन गुणों का माध्यम , माया है ।
तीन गुणों को देह में जीवात्मा को बाध कर रखते हैं , ऐसी बात गीता - 14.5 में कहा जा रहा है ।
तीन गुणों से परे जो है , वह मायापति से एकत्व स्थापित कर सकता है , ऐसी बात भागवत पुराण में कही गयी है । लेकिन गुणातीत होने पर देह में जीवात्मा कैसे रुकती होगी ? यह बात सोचनीय है । 
परमहंस रामकृष्ण जी कहते हैं , मायामुक्त ब्यक्ति एक माह से अधिक समय तक अपनीं देह के साथ नहीं रह सकता ।
।।ॐ ।।

Tuesday, June 25, 2019

वैराग्य की लहर

वैराग्य 


भोग बंधनोंके प्रति उठा होश , ज्ञानका श्रोत होता है । ज्ञान प्रकृति - पुरुष बोध माध्यमसे वैराग्यमें पहुँचाता है जहाँ भक्ति लहरमें 
सबमें परमात्मा और परमात्मामें सब दिखनें लगते हैं जिसे पूर्ण वैराग्यकी स्थिति कह सकते हैं।
// ॐ //  

Sunday, June 16, 2019

कर्मबोध - 3

कर्मयोग

जो कर्म बिना आसक्ति हो रहा हो , वह कर्म , कर्मयोगी के होते हैं ।

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