Wednesday, February 12, 2025

वेदांत दर्शन में उपनिषद् रहस्य भाग - 01


उपनिषद्  परिचय

भाग - 01

अधिकांश आचार्य उपनिषदों की संख्या 200  बताते हैं पर इनका विस्तार उपलब्ध नहीं है , लेकिन सर्वाधिक स्वीकृति संख्या 108 है । सर्व स्वीकृत 108 उपनिषदों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से उपलब्ध है …

वेद

उपनिषद् 

योग

ऋग्वेद

10

10

यजुर्वेद

शुक्ल - 19

कृष्ण - 32

                 योग > 51

51

सामवेद

16

16

अथर्ववेद

31

31

योग >>

>>>>>>>>

108

उपनिषदों का वर्गीकरण उनके विषयों के आधार पर भी किया जाता जो निम्न हैं …

ब्रह्म - आत्मा , योग और यौगिक विधियां और 

वैराग्य - संन्यास ।

17वीं शताब्दी में दारा शिकोह  वाराणसी के प्रमुख वेदान्तियों को आमंत्रित किया और 50 उपनिषदों का फारसी में अनुवाद करवाया, जिन्हें बाद में यूरोपीय विद्वानों ने लैटिन और अंग्रेजी में प्रकाशित किया । 

यदि ऐसा न हुआ होता तो उपनिषदों का ज्ञान भारत से बाहर न पहुंचा होता ।

ऊपर बताए गए 108 उपनिषदों में निम्न 13 उपनिषद प्रमुख बताए गए हैं…..

ऐतरेय

ईशावास्य

कठोपनिषद

तैत्तिरीय

बृहदारण्यक

केनोपनिषद

छान्दोग्य

प्रश्नोपनिषद

मुण्डक

मांडूक्य

श्वेताश्वतरोपनिषद्

कौषीतकि

मैत्रायणी

इन प्रमुख 13 उपनिषदों में निम्न 10 के ऊपर आदि शंकराचार्य जी के भाष्य उपलब्ध हैं….

ऋग्वेद

यजुर्वेद

सामवेद

अथर्ववेद

1

4

2

3

ऐतरेय 

ईशावास्य

(शुक्ल) 

कठोपनिषद 

(कृष्ण )

तैत्तिरीय

(कृष्ण )

बृहदारण्यक 

(शुक्ल)

केनोपनिषद

छान्दोग्य 

प्रश्नोपनिषद

मुण्डक 

मांडूक्य 

ऊपर व्यक्त उपनिषदों को दशोपनिषद्  कहा जाता है।

।।।। ॐ।।।।


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