Monday, May 6, 2013

गीता ज्ञान - 19

इन्द्रियाँ , बुद्धि , चेतना और आत्मा
गीता और अन्य भारतीय दर्शन से जुड़े हुए  साहित्य को पढ़ते समय ऊपर दिए गए शब्द  बार - बार दिखते हैं  आइये आज हम इनको समझते हैं ।
* 11 इन्द्रियाँ ( 5 ज्ञान + 5 कर्म + 1 मन ) , बुद्धि चेतना और आत्मा का आपसी गहरा सम्बन्ध है ।
* दस इन्द्रियाँ जहां मिलती हैं उस जोड़ को मन कहते हैं । मन दोनों प्रकार की इन्द्रियों का नियंत्रक है लेकिन इसे नियंत्रण करनें की उर्जा बुद्धि से मिलती है ।
* बुद्धि को उर्जा चेतना से मिलती है और चेतना का सीधे सम्बन्ध आत्मा से है ।
* विकार रहित इन्द्रियाँ निर्विकार मन जे साथ होती हैं औए निर्विकार मन निश्चयात्मिका बुद्धि के होने का माध्यम है । चेतना और आत्मा कभीं भी सविकार नहीं होती । बिषय , इन्द्रिय एवं मन तक का तंत्र साधना से नियंत्रित होते  हैं लेकिन मन के ऊपर बुद्धि , वुद्धि के ऊपर चेतना और चेतना के ऊपर आत्मा का सीधे साधनाओं से सम्बन्ध नहीं होता ।
       मनुष्य मात्र एक ऐसा प्राणी है जो गुणों को समझ कर किसी भी साधना के माध्यम को अपना कर अपनें मन तंत्र जो निर्विकार बना कर प्रभुमय हो सकता है ।
*** ॐ ***

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