Title :कुरुक्षेत्र की स्थिति Content: कुरुक्षेत्र की स्थिति महाभारत के भीष्म पर्व के तीसरे उपखंड के रूप में गीता है । अब जरा इसे देखें और समझें :------ * महाभारत में 18 खंड हैं ..... * गीता में 18 अध्याय हैं ...... * युद्ध 18 दिन चला था ....... * युद्ध में 18 अक्षवनी सेनायें भाग ली थी * 21870 लोग प्रति दिन मारे गए ...... * महाभारत में 6वां खंड भष्म खंड है ..... * इसमें 4 उप खंड इस प्रकार से हैं ...... + जम्मू खंड निर्वाण पर्व ( 6.1-6.19 ) + भूमि पर्व ( 6.11 - 6.6.24 ) + गीता ( 6.25 - 6.42 ) + भीष्म बध पर्व ( 6.43 - 6.122 ) * पांडव पक्ष में ... द्वारका , काशी , एक भाग कैकेय का , मगध , छेदी , पंड्या , मथुरा का यदूकुल के लोग थे । * कौरव पक्ष में...... pragjotish , matsya , anga , one part of kaikeya , sindhu desha , maheshmati , avanti , gandhara , balikas , kamboja, yavana , saka , tusharas के लोग थे । ** कुरुक्षेत्र की स्थिति उत्तर में sirhand दक्षिण में खंडवा ( दिल्ली ) पूर्व में panin पध्चिम में मरू यह बात buddhist scripture Anguttara Nikaya में दिता गया है । जिस समय ( 5000 B C E ) महाभारय युद्ध हुआ उस समय भारत भूमि 16 महाजन पदों में बिभक्त था , कुछ इस प्रकार :------ Anga , Magadh , Vijji , Kashi , Malla , Koshala , Panchala , Vats , Chetiya , Avanti ,Assaka , Matsys , Surasena, KURU , Gandhara , Kamboja . KURU JANAPADA गंगा और यमुना के मध्य का भाग यमुना और सरस्वती के मध्य का भाग हस्तिनापुर थानेश्वर और हिसार के मध्य का त्रिभुजाकार क्षेत्र कुरुजनपद था ; हस्तिनापुर और यमुना के मध्य का भाग था कुरुराष्ट्र और शेष भाग दो भागो में था ------ 1- kandawa ( दिल्ली के आस पास का भाग ) 2- कुरु जंगल : 1- kandwa दिल्ली , मेवात , रोहतक तथा आस पास 2- कुरु जंगल पानीपत से अम्बाला तक तथा hisar तक । हिसार से जींद सफेदो पानीपत करनाल थानेश्वर पहेवा कैथल नरवाना आदि । ** ॐ **
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