Thursday, June 9, 2011

गीता अध्याय - 04

[ ] योग – सूत्र

अगले सूत्र

अभीं सूत्र – 4.35 के सम्बन्ध में हम गीता के कुछ सूत्रों को देख रहे हैं और यहाँ इस सम्बन्ध में

कुछ और सूत्रों को देखते हैं … ....

  • सूत्र 2.52

  • मोह के साथ वैराज्ञ का होना संभव नहीं

  • सूत्र10.3

  • मोह रहित ब्यक्ति प्रभु को तत्त्व से समझता है

  • सूत्र 4.37

  • मोह समाप्ति पर ज्ञान की किरण फूटती है

  • सूत्र4.38

  • योग सिद्धि से ज्ञान मिलता है

  • सूत्र 4.41

  • ज्ञान से कामना का उठाना समाप्त हो जाता है

  • सूत्र4.42

  • संदेह अज्ञान की पहचान है

    गीता के06सूत्र बता रहे हैं-------

    मोह,संदेह,कामना आदि अज्ञान के तत्त्व हैं उनको एक – एक करके जो समझना चाहते हैं

    वे समझ तो सकते नहीं उनमें अहंकार और सघन हो जाता है/

    ज्ञान की किरण जब फूटती है तब गुण तत्वों का स्वतः उठाना समाप्त हो जाता है/

    ज्ञान,मन – बुद्धि में बहती निर्विकार ऊर्जा का पहचान है/ज्ञान किताबों से नहीं मिलता

    यह चेतना की बूंदों से बुद्धि को मिलता है;चेतना की बूंदे ध्यान पकनें पर टपकती हैं/

=====ओम======




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