Friday, March 1, 2013

गीता ज्ञान - 13

गीता श्लोक - 7.2 
गीता श्लोक - 9.1, 9.2 

गीता श्लोक - 7.2 में प्रभु श्री कृष्ण कह रहे हैं - - - - -
" अब मैं तुमको वह सविज्ञान ज्ञान बता रहा हूँ जिसको जाननें वाले को और कुछ जाननें को नहीं बचता "

गीता श्लोक - 9.1 , 9.2 कह रहे हैं  - - - - - -
" प्रभु कह रहे हैं : अब मैं तुमको वह सविज्ञान ज्ञान बता रहा हूँ जो परम गोपनीय है , बड़ा सुगम है ,  सभीं ज्ञानों का राजा है और जिसको समझनें वाला अशुभ से मुक्त रहता है " 

अब आप गीता अध्याय - 7 एवं अध्याय - 9 को समझें और यह समझें कि सविज्ञान ज्ञान क्या है ?

[ क ] अध्याय - 7 

इस अध्याय में कुल 30 श्लोक हैं जिनमें 24 श्लोकों में प्रभु श्री कृष्ण 35 उदाहरणों से स्वयं के सम्बन्ध में बता  रहे हैं और अन्य 06 श्लोकों में भूतों की रचना के सम्बन्ध में कहते हैं कि भूतों की  रचना अपरा - परा प्रकृतियों के 09 तत्त्वों से है , अन्य दो श्लोकों [ 7.20 + 7.27 ] में कहते हैं , इंद्रिय सुख - दुःख का इच्छा - द्वेष - अज्ञान से जुड़ा हुआ है तथा कामना पूर्ति देव पूजन से संभव है / 
अब आप सोचें कि अध्याय -07 में सविज्ञान ज्ञान क्या है ?
एक ज्ञान उसे कहते हैं जो इंद्रिय - मन - बुद्धि के सहयोग से होता है और जिसको ब्यक्त किया जा सकता है , कुछ सीमा तक और दूसरा ज्ञान वह है जिससे ब्यक्त करना कठिन है लेकिन जिसके अस्तित्व को नक्कारना भी संभव नहीं /
 अब देखिये एक उदाहरण : प्रभु कहते हैं , तीन गुण हैं और तीनों के अपनें - अपनें भाव हैं , ये गुण एवं इनके भाव मुझसे हैं पर मैं भावातीत - गुणातीत हूँ / प्रभु के इन बचनों को ब्यक्त करना तो संभव है लेकिन इसका अनुभव इंद्रिय - मन - बुद्धि को नहीं हो सकता / 

दूसरा उदाहरण : प्रभु कहते हैं , सूर्य - चन्द्रमा का प्रकाश मैं हूँ ; इस बचन को हमारी इन्द्रियाँ और मन - बुद्धि समझते हैं लेकिन इस प्रकाश के होनें का श्रोत क्या है , को हम नहीं समझ सकते और यह भी नही कह सकते कि ये बिना श्रोत के हैं / मैक्स प्लांक , सी वी रमण , श्रोडिंगर और आइन्स्टाइन जैसे वैज्ञानिक इसे जानन चाहा लेकिन पूर्ण रूप से न जान पाए / 
वह ज्ञान जिसे मन - बुद्धि स्तर पर जाना जा सके उसे स्विज्ञान ज्ञान कह सकते हैं और वह ज्ञान जीको नक्कारना कठिन हो और जिसे मन - बुद्धि पर स्वीकारना भी कठिन हो उसे परम ज्ञान कह सकते हैं / 

अगले अंक में अध्याय - 09 में छिपे सविज्ञान - ज्ञान को देखेंगें /

===== ओम् ======

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