गीता श्लोक - 7.27
इच्छा द्वेष समुत्थेन द्वंद्वमोहेन भारत
सर्वभूतानि सम्मोहम् सर्गे यन्ति परंतप
प्रभु श्री कृष्ण सीख दे रहे हैं :-------
इच्छा - द्वेष से उत्पन्न द्वंद्व एवं मोह हैं .....
इन भोग तत्त्वों से सभीं सम्मोहित हैं .......
ये तत्त्व अज्ञान की पहचान हैं /
Desire and aversion germinate delusion of duality .....
And these elements are passionate elements ......
Which are symptoms of Agyana [ ignorance ]
=== ओम् =====
इच्छा द्वेष समुत्थेन द्वंद्वमोहेन भारत
सर्वभूतानि सम्मोहम् सर्गे यन्ति परंतप
प्रभु श्री कृष्ण सीख दे रहे हैं :-------
इच्छा - द्वेष से उत्पन्न द्वंद्व एवं मोह हैं .....
इन भोग तत्त्वों से सभीं सम्मोहित हैं .......
ये तत्त्व अज्ञान की पहचान हैं /
Desire and aversion germinate delusion of duality .....
And these elements are passionate elements ......
Which are symptoms of Agyana [ ignorance ]
=== ओम् =====
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