Tuesday, March 30, 2021

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय - 2 का शेष भाग

 गीता अध्याय - 2 में स्थिर प्रज्ञ की पहचान बता रहे हैं , प्रभु श्री । इस कड़ी का शेष भाग आप यहाँ देख सकते हैं । ध्यान रहे कि मन - बुद्धि से परे की अनुभूति केवल स्थिर प्रज्ञ को होती है क्योंकि उसका चित्त पारिजात मणि जैसा पारदर्शी , शांत और निर्मल होता है 👇



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