Monday, July 27, 2009

आसुरी शक्तियां पंख फैला रही हैं

आज विज्ञानं का युग है , सभी साधन उपलब्ध हैं लेकिन क्या ये साधन मनुष्य को सुख दे पा रहे हैं?
आज अनेक टी वी चैनेल हैं सभी रात-दिन लगातार अपनें- अपनें कार्य क्रम दे रहे है , इन कार्य क्रमों को
आपभी देखते ही होंगे--- आप को कैसा लगता है?
जब कोई सरकार बनती है तब सपथ समारोह तक सभी चैनेल्स उस सरकार के गुणों का पूल बाधती हैं लेकिन अगले दिन से उसे समाप्त करनें में जुट जाती हैं।
भारत से दूर यदि कोई भारतीय इन चैनेल्स के कार्य क्रमों को देखे तो वह समझेगा की हमारे देश में जो कुछ भी हो रहा है सब उलटा हो रहा है।
कोई ऐसा कार्य क्रम शायद ही कभी मिले जिस से देश के लोगों में प्यार-मुहब्बत होनें का भाव दिखता हो।
लोगों में भय फैलानें का पूरा विज्ञानं का प्रदर्शन किया जाता है, लोग बिचारे पहले से भयभीत हैं और जब इन कार्य क्रमों को देखते हैं तो उनकी दशा और गंभीर हो जाती है।
भोग का अति आधुनिक विज्ञान आज बच्चों को चैनलों के माध्यम से मिल रहा है।
कभी-कभी योगसे सम्बंधित कार्य क्रम भी मिलते हैं लेकिन उनका भी काम है , भोग में सहयोग देनें का। आज योग को भोग का माध्यम बना दिया गया है जबकि भोग योग का माध्यम है।
कामना पूर्ति के इतनें सरल - आसान तरीके बताये जाते हैं जिनको देख कर रोना आता है।
परीक्षा में पूरक परिणाम से उत्तीर्ण होनें के लिए मन्त्र बताये जाते हैं ,यह नही बताया जाता की मेहनत करो परिणाम स्वतः अच्छा मिलेगा।
आज मूर्तियाँ बनानें की दुकानें हैं , हर गलीमें मन्दिर हैं और मंदिरों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ रही है , क्यों, क्या लोग वास्तव में परमात्मा से जुड़ रहे है? नही, भोग प्राप्ति के लिए लोग मन्दिर बनवा रहे हैं --है न मजे की बात।
त्रेता युग में सोनें की लंका थी रावण के पास , राम के पास नही थी, त्रेता एवं द्वापर में तलवार धारियों के पास शक्ति थी और----------
आज --------?
एक चीर हरण से महा भारतयुद्ध हुआ और आज हजारों चीर हरण रोजाना हो रहे हैं।
त्रेता युग के राक्षसों तथा द्वापर के असुरों को देखिये और फ़िर आज के शक्तिवान लोगों पर एक नजर डालिए,
क्या आप कोकोई फरक नज़र आता है?
कहते हैं की चार युग होते हैं लेकिन मैं कहता हूँ की पाँच युग होते हैं और पांचवा युग है भोग युग जो इस समय चल रहा है ।
आप एक नए युग में हैं इस युग के बाद और कोई युग नही आनें वाला अतः ज़रा होश बना कर जीवन की
नौका को चलायियेगा।
====ॐ=========

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