गीता श्लोक - 4.38
कर्म - योग की सिद्धि में ज्ञान की प्राप्ति होती हैगीता श्लोक - 4.18
कर्म - योग सिद्धि के बाद कर्म अकर्म और अकर्म कर्म सा दिखानें लगता हैगीता श्लोक - 13.2
क्षेत्र - क्षेत्रज्ञ का बोध , ज्ञान है* Fruit of the perfection of action - yoga is wisdom .
** A man of wisdom sees inaction in action and action in inaction .
*** Awareness of physical body with its elements and the Supreme One is wisdom .
Elements of physical body of a living one ----
[a] 10 senses [ इन्द्रियाँ ][b] 05 subjects [ बिषय ]
[c] mind , intelligence and ego [ मन , बुद्धि , अहँकार ]
[d] 05 Basic elements [ पांच महा भूत ]
[e] Immutable - Unchanging One [ अब्यय ]
ध्यान के लिए आज इतना ही
==== ओम् =====
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