Monday, December 3, 2012

गीता के तीन मोती

गीता श्लोक - 4.38 

कर्म - योग की सिद्धि में ज्ञान की प्राप्ति होती है 

गीता श्लोक - 4.18

कर्म - योग सिद्धि के बाद कर्म अकर्म और अकर्म कर्म सा दिखानें लगता है 

गीता श्लोक - 13.2

क्षेत्र - क्षेत्रज्ञ का बोध , ज्ञान है 
*     Fruit of the  perfection of action - yoga  is wisdom .
**   A man of wisdom sees inaction in action and action in inaction .
*** Awareness of physical body with its elements and the Supreme One is wisdom .

Elements of physical body of a living one ----

[a] 10 senses [ इन्द्रियाँ ] 
[b] 05 subjects [ बिषय ] 
[c] mind , intelligence and ego [ मन , बुद्धि , अहँकार ] 
[d] 05 Basic elements [ पांच महा भूत ] 
[e] Immutable - Unchanging One [ अब्यय ] 
ध्यान के लिए आज इतना ही
==== ओम् =====

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