Sunday, April 10, 2011

काम की गति




गीता अध्याय –03



गीता सूत्र –3.39



ज्ञान का बैरी,काम है



गीता सूत्र –3.40



काम इन्द्रियों को , मन को एवं बुद्धि को गुलाम बना कर रखता है



गीता सूत्र –3.41


इन्द्रिय ध्यान से काम का वेग कमजोर पड़ता है



गीता सूत्र –3.42 + 3.43



इन्द्रियों का केंद्र मन है , मन का केंद्र बुद्धि है और बुद्धि का केंद्र है आत्मा


काम का असर बुद्धि तक रहता है अतः काम को नियोजित करनें का एक ही उपाय बच रहता है


और वह है आत्मा पर स्वयं को केंद्रित करना


आत्मा जिसका केंद्र है वह काम से सम्मोहन से दूर रहता है


आत्मा को केंद्र कैसे बनायें?



निरंतर अभ्यास करनें से आत्मा जो अज्ञेय है , जो अविज्ञेय है , जो अब्यय है जो निराकार है ,


जो प्रभु का अंश है , जो सभी जीवों के ह्रदय में स्थित है , उसे अपनें ध्यान का केंद्र बनाया जा


सकता है




=========== ओम ==============


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