गुण विभाग एवं कर्म विभाग का बोध ही कर्म – योग है
Karma yoga is the awareness that action is the function of three natural modes
गुण विभाग एवं कर्म विभाग का बोध वैराज्ञ में पहुंचाता है
The awareness that three modes are the source of action takes one to renunciation
वैराज्ञ संसार का द्रष्टा बनाता है
Dispassion makes one witnesser of the universe
बिना किसी कारण जो कर्म हो वह योग कर्म होता है
Yoga action is that action which is performed without reasons
जिस मन – बुद्धि में तीन गुणों की ऊर्जा न बह रही हो वह मन – बुद्धि योगी के होते हैं
yogin,s intelligence does not have modes energy
भोग एवं भगवान के मध्य समभाव की स्थिति होती है
Evenness in passion takes you to Supreme
भोग में उठा होश योगी बनाता है
Awareness in passion is yoga
योगी तीर्थ होता है जिसके पीठ के पीछे भोग और आगे परमानंद होते हैं
Yogin is a pilgrimage where passion is at his back and absolute truth is in his hearth
जो है वह प्रभु का प्रसाद है ऎसी भावना योगी में होती है
Y ogin understand that whatever is available is a gift from the Supreme
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड प्रभु को ब्यक्त करता है
The entire universe represent the Supreme One
===== ओम्=======
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