पतंजलि अपनें साधन पाद सूत्र : 11 , 12 , 13 और 14 में बता रहे हैं ...
💐ध्यान से क्लेषों का नाश होता है
💐 क्लेष , कर्माशय ( चित्त ) की मूल हैं
💐 वर्तमान के जो कर्म किये जा रहे हैं वे भविष्य में मिलने वाले सुख - दुख के बीज रूप में चित्त में सूक्ष्म रूप में इकट्ठे होते रहते हैं ।
👌 पुण्य , पाप , मिश्रित और निष्काम - कर्म की 04 श्रेणियाँ हैं
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