Thursday, October 7, 2021

पतंजलि साधन पाद सूत्र : 21 - 25

 


पतंजलि साधन पाद सूत्र : 21 - 25



पतंजलि साधन पाद सूत्र : 22

सूत्र : 22 >कृतार्थ कौन है ?

कृतार्थ के लिए प्रकृतिका कोई स्वरुप नहीं , सामान्य ब्यक्ति के लिए प्रकृति का स्वरुप है ।

तीनों गुणों से अछूता , कृतार्थ कहलाता है अर्थात 

कृतार्थ गुणातीत प्रभुतुल्य होते हैं ।

पतंजलि साधन पाद सूत्र : 23 

प्रकृति - पुरुष संयोग

सूत्र रचना ⤵

स्व स्वामिशक्तयोः स्वरुप उपलब्धि हेतुः संयोगः 

भावार्थ 

प्रकृति - पुरुष संयोग से भोग / कैवल्य दोनों की प्राप्ति होती है । सूत्र : 17 में महर्षि कहते हैं , द्रष्टा - दृश्य संयोग दुःख की जननी है ।

पतंजलि साधन पाद सूत्र : 24

भोग - अविद्या 

तस्य हेतुः अविद्या अर्थात उसका कारण सविद्या है । उसका अर्थात भोगका

पतंजलि साधन पाद सूत्र : 25

अविद्या , दुःख - कैवल्य सम्बन्ध

सूत्र रचना 

तत् अभावत् संयोग अभावः हानं तत् दृशे कैवलयं 

सूत्र भावार्थ ⬇️

अविद्या का अभाव , दुःख का अभाव है और यही कैवल्य है ।

~~◆◆ ॐ ◆◆~~

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