Saturday, October 9, 2021

पतंजलि साधन पाद सूत्र 28 - 30 अष्टांगयोग का पहला अंग यम

 


यहाँ से अष्टांगयोग प्रारंभ होता है 🔽

【 साधन पाद सूत्र : 28 से सूत्र : 55 तक में अष्टांगयोग के प्रारंभिक 05 अंग हैं शेष विभूति पाद के प्रारम्भ में देखे जा सकते हैं 】

पतंजलि साधन पाद सूत्र : 28

अष्टांगयोगसे क्या मिलता है ? 

सूत्र रचना 

योग अंग अनुष्ठानात् अशुद्धि : क्षये

ज्ञानदीप्तिरा विवेक ख्याते : 

सूत्र शब्दार्थ 

अष्टांगयोग अंगों के  अनुष्ठान से अशुद्धियाँ नष्ट होती हैं और ज्ञान - प्रकाश विवेक ख्याति तक होता है ।

⚛ चित्तकी राजस - तामस गुणों वाली भूमियाँ निर्मूल हो जाती हैं और सबीज समाधि मिलती है ।चित्त की निम्न 05 भूमियाँ / अवस्थाएँ हैं ⬇️

इन 05 भूमियों में से क्षिप्ति , मूढ़ और विक्षिप्त राजस एवं तामस गुण प्रभावित भूमियाँ हैं जो भोग से जोड़ कर रखती हैं ।  शेष दो भूमियाँ सत् गुण आधारित भूमियाँ हैं जो योग से जोड़ती हैं।


पतंजलि साधन पाद सूत्र : 29

अष्टांगयोग के 08 अंग 

पतंजलि साधन पाद सूत्र : 30

 यमके 05 अंग ⬇️ 

(यम अंगों के संबंध में आगे बताया जाएगा )


//ॐ 10 अक्टूबर


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