Saturday, October 23, 2021

पतंजलि योगसूत्र में कैवल्य पाद

 


पतंजलि योगसूत्र 


1 - पतंजलि योगसूत्र समाधिपाद 

बिषय 👇

सम्बंधित सूत्र 

योग

योग


1 , 2 , 3 , 4 ,

30,31,32,33

08

चित्त वृत्तियाँ

5,6,7,8,9,10,11

34,35,36,37,38,39,40,41

15

अभ्यास - वैराग्य

12,13,14,15

16,17

06

समाधि

42,43,44,45,4647,48,49,50,51

10

कैवल्य 

18,19,20,21,22

05

ईश्वर

23,24,25,26,27,28,29

07


कुल सूत्र➡

➡            ➡

51


2 - पतंजलि योगसूत्र साधन पाद  

बिषय

सम्बंधित सूत्र

योग

क्रियायोग

01

क्लेश और

क्लेषों का नाश

3 , 4 , 5 , 6 , 7, 8

 9 , 12 , 13 ,14 , 10 , 11

12

दुःख 

15 , 16 , 17 , 25 , 26 

05

दृश्य / द्रष्टा

प्रकृति -पुरुष

18 , 19 , 20 , 21 

23 , 24

06

कृतार्थ

22 

01

अष्टांगयोग के 05 अंग 

28 , 29 , 30 - 55

28

समाधि

2 , 27 , 

02

योग➡

>>

55


3 - पतंजलि विभूतिपाद

विषय

सम्बंधित सूत्र

योग

अष्टांगयोग क्रमशः धारणा , ध्यान , समाधि

1 , 2 , 3 , 7 , 8

05

संयम

4 , 5 ,6 , 52 , 53 , 54 , 

06

साधना का ऊपर उठना और नीचे गिरना

9 , 

01

चित्त 

10 , 

01

समाधि 

11 , 12 , 

02

भूत +इंद्रिय धर्म लक्षण

13 , 14 , 

02

क्रम क्या है ?

15

01

सिद्धियाँ

16 - 49 

(49 सिद्धियां )

34

पूर्ण वैराग्य

योगी का पतन

50 , 51 , 

02

अविद्या प्रकृति , पुरुष सम्बन्ध

55

01

योग➡

➡            ➡

55

4 - पतंजलि योगसूत्र 

कैवल्य पाद 

विषय

सम्बंधित सूत्र

योग

सिद्धि प्राप्ति के उपाय

1 , 1

01

सिद्धि प्राप्त योगी तथा धर्म प्रकृतिको नहीं चलाते

2 , 3 

02

चित्त 

4 , 5 , 6 , 15 , 17 , 18 , 19 , 20 , 21 , 23 , 24

11

राग

7

01

वासनाएँ 

8 , 9 , 10 , 11

04

धर्म सहित सभी वस्तुएं त्रिगुणी हैं

12 , 13 , 14 , 16

04

पुरुष 

22

01

धर्ममेघ समाधि और कैवल्य

25 , 26 , 27 , 28 , 29 , 30 , 31 , 32 , 33, 34

10

योग ➡

➡              ➡

34


~~◆◆ ॐ ◆◆~~


कैवल्य क्या है ? भाग - 1


कैवल्य क्या है ? भाग  - 2

" पुरुषार्थ का शून्या हो जाना , कैवल्य है "

श्रीमद्भगवद्गीता गीता में श्लोक - 2 54 के माध्यम से अर्जुन अपनें पहले प्रश्न में स्थिर प्रज्ञ की पहचान जानना चाहते हैं ।

इस प्रश्न के सम्बन्ध में प्रभु श्री कृष्ण के 18 श्लोक

 ( 2.55 - 2.72 ) हैं ।

इसी तरह अध्याय - 14 श्लोक 21 के माध्यम से 

अर्जुन गुणातीत योगी की पहचान जानना चाहते हैं जिसके सम्बन्ध में प्रभु श्री कृष्ण के 50 श्लोक ( 14.22 - 16.24 ) हैं।

इस प्रकार स्थिर प्रज्ञ और गुणातीत के सम्बन्ध में प्रभु श्री के 68 श्लोक स्पष्ट रूप में दिखते हैं । 

इन 68 श्लोकों में प्रभु श्री कृष्ण जो बातें बताते हैं , उनके सार रूप में महर्षि पतंजलि के योगसूत्र कैवल्य का आखिरी सूत्र 34 है ।

// ॐ //

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