Thursday, March 17, 2011
गीता अध्याय - 03
गीता सूत्र - 3.5 के साथ इन सूत्रों को भी देखिये -----
सूत्र - 3.27 + 3.33 + 18.59 + 18.60
गीता के इन चार सूत्रों का भाव है .......
तीन गुण मिल कर स्वभाव का निर्माण करते हैं -------
स्वभाव से मनुष्य कर्म करता है ----
कर्म में मैं का होना अहंकार का सूचक है ॥
As mentioned above , the gita - four verses say .......
three natural modes form the nature of beings ,
nature of an indivisual is resposible for the type of action he performs .
presence of feeling in the action that i did this or that, is the indication of
ego .
गीता का यह अध्याय कर्म - योग की बुनियादी बातों को बताता है
अतः आप यहाँ एक - एक सूत्र को गंभीरता
से पकडनें का अभ्यास करें ॥
यहाँ हम मात्र अध्याय तीन पर आश्रित नहीं है कर्म - योग से सम्बंधित
सम्पूर्ण गीता के सूत्र
आप को यहाँ मिलनें वाले हैं ,
यह आप पर निर्भर है की ......
आप इन सूत्रों से क्या निकालते हैं ॥
View Larger Map==== ॐ ======
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