Sunday, November 15, 2009

गीता-ज्ञान .....1

गीता - श्लोक ...3.25 , 3.26 एवं 3.29 को हम यहाँ देखनें जा रहें हैं ।
गीता- श्लोक 3.25
श्लोक कहता है-----ज्ञानी,अज्ञानी , भोगी तथा योगी दोनों को ऐसे कर्म करना चाहिए की बाहर से देखनें
वाला यह न समझ सके की इन दोनों में कौन ज्ञानी हैं ? और कौन अज्ञानी है ?
गीता-श्लोक 3.26
भोगी के शास्त्र बिहित कर्मों में ज्ञानी लोगों को अरुचि पैदा नहीं करना चाहिए अपितु उन्हें अपनें कर्मों से
भोगी को आकर्षित करते रहना चाहिए ।
गीता-श्लोक 3.29
गुणों से मोहित अज्ञानी को उसके कर्म बाँध कर रखते हैं अतः ऐसे भोगी लोग अपनें कर्मों में आसक्त रहते हैं
लेकिन गुणों को समझनें वाले लोगों को भ्रमित नहीं करना चाहिए अपितु उन्हें अपनें कर्मों से आकर्षित करनें का प्रयाश करते रहना चाहिए ।
गीता के इन तीन श्लोकों को कुछ इस प्रकार से समझते हैं ---------
भोगी-योगी की कर्म-यात्रा एक है जिसका प्रारंभिक चरण भोग है और आखिरी चरण बैराग्य है । भोगी की भोग से बैराग्य की यात्रा अनजानें की यात्रा है और योगी इस यात्रा को होश पुर्बक तय करके बैराग्य में ज्ञान माध्यम से आत्मा-परमात्मा की किरण का इंतजार करता रहता है । अब आप सोचिये , इस स्थिति में क्या सोचना की
कौन ऊपर है और कौन नीचे है ?
भोगी गुणों का गुलाम है , वह यह नहीं जानता की वह क्या कर रहा है ? वह इस भय से पीड़ित है की जो वह
अपनें मुट्ठी में बंद कर रखा है वह कहीं सरक न जाए और इस भय के कारण वह अपनी मुट्ठी खोलना नहीं
चाहता तथा यह भी चाहता है उसकी बंद मुट्ठी में वह सब आजाये जो उसमें नहीं है --जो एक अशंभव है ।
भोगी योगी को नहीं पहचानता और योगी की बातें उसके सर के ऊपर से निकल जाती हैं । भोगी की आँखें
औरों पर टिकी होती हैं वह पलकों को झपकनें भी नहीं देता और योगी की दृष्टि उसके केन्द्र पर होती है ।
दृष्टि जब दृश्य पर टिकी हो और मन भावों में बह रहाहों तब वह ब्यक्ति भोगी होता है । दृष्टि जब दृश्य पर हो और मन भाबातीत की स्थिति में हो तो वह ब्यक्ति योगी होता है ।
गीता के ऊपर दिए गए तीन श्लोक कहते हैं ---------
भूल जावों की कौन योगी है और कौन भोगी है कोई फर्क नहीं है भोगी को भोग के गुरुत्वा कर्षण को समझना
चाहिए और योगी को चाहिए भोगी को प्यार से धीरे-धीरे बैराग्य की झलक दिखाता रहे , उसे भोग - तत्वों के
प्रति होश पैदा करता रहे , दोनों एक ही राह पर है एक हिमालय को छू रहा है और दूसरा वहा पहुंचनें का
अनजानें में प्रयाश कर रहा है ।
=====ॐ======

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