Saturday, November 20, 2010

प्रभु मय कैसे हों ?



प्रभु को सभी पाना चाहते हैं ----
प्रभु को सभी अपनें - अपनें घरों में बसाना चाहते हैं .....
लेकीन क्यों ?

क्यों की हम सब यह जानते हैं की ------
प्रभु एक बाई एक फूट की जगह में रह कर भी कुछ नहीं कहता ......
प्रभु लाची दाना खाकर भी हमारा काम करता है ......
रात को हम तो नजानें क्या - क्या खा - पी कर सो जाते हैं लेकीन प्रभु हर वक़्त जागता रहता है ....
चाहे हम कुछ भी कहें लेकीन प्रभु कोई जबाब नही देता ........

जब तक हमारी ऎसी धारणा है .....
तबतक .....
हम प्रभु मय कैसे हो सकते हैं ?
प्रभु मय होनें के लिए पहले स्वयं को गीता मय बनाना पड़ता है ....
गीता मय बननें के लिए .......
काम , कामना , क्रोध ----
लोभ , मोह , भय और ---
अहंकार की मूल को देखना पड़ता है ,
और .....
जब मूल कट जाती है , तब .....
वह ......
स्वयं प्रभु मय हो उठता है ॥

===== ॐ =====

1 comment:

  1. सत्य वचन……………उम्दा प्रस्तुति।

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