Tuesday, December 7, 2010
गीता अध्याय - 02
भाग - 05
गीता श्लोक - 2.12
न तु एव अहम् जातु न आसं न त्वं न इमे जनाधिपा: ।
न चैव न भविष्याम: सर्वे वयमत: परम ॥
प्रभु अर्जुन को कह रहे हैं ----
अर्जुन !
ऐसा कभी नहीं हुआ और न होगा की ....
मैं
तुम
और यहाँ उपस्थित सभी लोग ----
कभी न थे , या ....
कभी नहीं रहेंगे ॥
The Supreme Lord Krishna says : -----
never was there time when i , you and
all kings who are present here
were not ,
nor -----
there ever be a time .....
hereafter ....
when we all shall cease to be .
प्रभु क्या कह रहे हैं ?
और ....
जो कह रहे हैं वह आज भी कितनें लोगों के जेहन में उतर सकता है ?
जो आज है , उसे समझते हैं -----
सब प्रभु के एक एटम के अरबों भाग के बराबर कण जिसको ....
आत्मा या जीवात्मा कहते हैं , उस के फैलाव रूप में है ।
गीता का कण विज्ञान बहुत गहरा विज्ञान है और वह .....
आज के कण विज्ञान के साथ ही है
यदि वैज्ञानिक गीता को गंभीरता से समझनें की
कोशीश करें - तब ॥
gita - particle science is not very simple
and which is similar to modern
particle science .
we shall be looking into the particle science
of gita in the next blog .
remain happy ....
keep gita in your mind and ...
rejoice teachings of ....
Lord Krishna
==== ॐ =====
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