Monday, August 23, 2010
गीता अमृत - 11
गीता के अमृत वचन
** गीता सूत्र - 9.29
श्रद्धा से परिपूर्ण योगी मेरा मित्र होता है ॥
** गीता सूत्र - 9.34
तूं मेरा भक्त बन कर मुझे प्राप्त कर सकते हो ॥
** गीता सूत्र - 8.8
प्रभु मय होनें के लिए प्रभु को मन में बसाना पड़ता है ॥
** गीता सूत्र - 7.1
प्रभु में आसक्त मन प्रभु का द्वार खोलता है ॥
कई जन्मों की साधनाओं का फल है - भक्ति ॥
आप गीता के इन सूत्रों को अपनाकर प्रभु से अपना सबंध बना सकते हैं
==== ॐ =====
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment