Saturday, August 28, 2010

गीता अमृत - 13


कौन द्रष्टा है ?

## गीता सूत्र - 5.8 , 5.9

इन्द्रियों के माध्यम से जो हो रहा हो उसे भावातीत स्थिति में देखते रहनें वाला , द्रष्टा होता है ॥

## गीता सूत्र - 14.19, 14.23

कर्म में करता रूप में गुणों को समझनें वाला साक्षी एवं द्रष्टा होता है ॥

आप को आज सुबह गीता के चार सूत्र दिए जा रहे हैं , आज रवि वार है, आप अपनें परिवार में होंगे ऐसा शुभ अवसर हप्ते के बाद आता है , आप से मैं यह प्रार्थना करता हूँ की इन चार सूत्रों को आप अपनें परिवार में
मनन का बिषय बनाएं ।

गीता से भयभीत न हो कर मैत्री साधें क्योंकि गीता जीनें की पवित्र राह दिखाता है ।
फीता की शिक्षा का मात्र एक उद्देश्य है --- लोगों के सर को कट कर नीचे गिरते हुए देखनें
वाले की दिल की धड़कन न बदलें और ह्रदय भावातीत स्थिति में रहे , काम सुननें में जितना सरल दिखता है उतना सरल है
नहीं क्योंकि -----
समभाव की स्थिति का मिलना प्रभु से मिलनें के बराबर होता है ।
समभाव , साधना का फल है
सम भाव से बहनें वाली ऊर्जा निर्विकार हो जाती है ।

॥ ===== ओम ===== ॥

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