Sunday, August 8, 2021

पतंजलि का अभ्यास - वैराग्य भाग - 2

 💐 पतंजलि अपने योग सूत्र के माध्यम से चित्त को वृत्तियों से मुक्त कराने की 10 विधियां देते हैं । इन विधियों में पहली विधि है - अभ्यास और वैराग्य की ।

👌 अभ्यास क्या है ? और वैराग्य क्या है ? इन दो प्रश्नों को समझते हैं .....

◆ चित्त को एक आलम्बन ओर स्थिर रखने की आदत बनाना , अभ्यास है ।

◆ जब इन्द्रियाँ अपनें - अपनें बिषयों से आकर्षित न हों और मन में बिषयों के प्रति वितृष्णा का भाव भर जाय तब  मन की उस स्थिति को वैराग्य कहते हैं । मन चित्त का एक अंग है जो सूचनाओं का संग्रह करता है । चित्त , बुद्धू , मन और अहँकार के समूह को कहते हैं ।

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।। ॐ ।।

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