Wednesday, August 25, 2021

समाधि पाद 34 - 36 बाह्य कुम्भक प्राणायाम

 # महर्षि पतंजलि योगसूत्र दर्शन समाधि पाद के अंतर्गत सूत्र : 12 - 39 के मध्य चित्त को स्थिर और शांत बनाये रखने के 08 उपाय बताए  हैं ( देखिये स्लाइड - 1 ) /

# इन 08 उपायों में तीन उपाय ( उपाय : 3 - 5 ) को यहाँ स्लाइड : 2 और स्लाइड : 3 में समाधि पाद सूत्र : 34 और सूत्र : 35 के माध्यम से स्पष्ट किया जा रहा है ।

# इन उपायों में बाह्य कुम्भक प्राणायाम अभ्यास , कोई सात्त्विक आलंबन और ज्योति आलंबन पर चित्त को लंबे समय तक स्थिर रखने के अभ्यास को बताया गया है ।

💐ध्यान रखें ! ये सारे 08 उपाय केवल वर्तमानमें उठनेवाली चित्त वृत्तियों से चित्त को दूर रखने के लिए हैं लेकिन संचित वृत्तियाँ इन अभ्यासों में बाधाएं बन सकती हैं / अतः अभ्यास के समय चित्त में संचित पूर्व अनुभवों के आधार पर वृत्तियो को उठने नहीं देना चाहिए। ऐसा कैसे संभव हो सकता है ?

👌योगाभ्यास के समय चित्त में उठ रही वृत्ति पर ध्यान रखें ऐसा करने का अभ्यास , वृत्तियों को उठने नहीं देगा और चित्त ध्यान आलंबन पर शांत स्थिर होने लगेगा।

अब देखें निम्न 03 स्लाइड्स ⬇️



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