Sunday, August 15, 2021

पतंजलि समाधि पाद सूत्र 21 - 22 तीन प्रकार के योग साधक

 💐 पतंजलि योग साधना अर्थात अष्टांगयोग की साधना । समाधि पाद में चित्त को नियोजित करानें के 08 उपाय बताये गए हैं जैसा नीचे स्लाइड - 1 में दिखाया जा रहा है । इन 08 उपायों में पहला उपाय अभ्यास - वैराग्य का है जिसे समाधि पाद सूत्र : 12 - 22 तक में व्यक्त किया गया है ।

👌 महर्षि योग साधकों को उनकी योग साधना की गति के आधार पर 03 श्रेणियाँ बनाते हैं , जैसा सूत्र : 22 में बताया गया है । 

💐 योग साधना की गति क्या है ?

साधना जब निम्न भूमियों से उच्च भूमियों की ओर रुख बनाये रखे तो इसे साधना की गति कहते हैं । योग साधना में हर पल उच्च भूमि से निम्न भूमि पर सरक आने की संभावना अधिक होती है और निम्न भूमि से उच्च भूमि में चढ़ना एक कठिन अभ्यास है ।  पतंजलि कहते हैं कि साधना एक पूर्व निर्धारित सात्त्विक आलंबन पर लंबे समय तक होती रहनी चाहिए अर्थात धीरे - धीरे एकाग्रता की अवधि बढ़ती चली जानी चाहिए और अंततः यह एकाग्रता समाधि में रूपांतरित हो जाती है । ध्यान रखें , आलंबन युक्त समाधि सम्प्रज्ञात समाधि होती है ।


।। ॐ ।।

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