पतंजलि समाधि पाद सूत्र : 18 - 19 संम्प्रज्ञात समाधि
💐 समाधि पाद सूत्र : 16 - 17 में वैराग्य सिद्धि से 04 प्रकार की समाधियों के द्वार खुल जाते हैं । ये समाधियाँ वितर्क , विचार , आनंद और अस्मिता हैं ।
💐 अब समाधि पाद : 18 - 19 में संम्प्रज्ञात समाधि की बात चल रही है । ऊपर समाधि पाद सूत्र : 16 - 17 में जो 04 प्रकार की समाधियाँ बतायी गयीं वे वस्तुतः संम्प्रज्ञात समाधि के अंग हैं ।
संम्प्रज्ञात समाधि आलंबना आधारित समाधि है और इसे सबीज समाधि भी कहते हैं या साकार समाधि भी कह सकते हैं। संम्प्रज्ञात समाधि तब घटित होती है जब चित्त संस्कार को छोड़ अन्य सभीं एकत्रित सूचनाओं से मुक्त हो गया होता है ।
💐अब समझना होगा कि संस्कार क्या होता है ? जिसे आगे चल कर देखा जाएगा ।
👌 जब संम्प्रज्ञात समाधि - सिद्धि के बाद असम्प्रज्ञात समाधि मिलती है जिसमें चित्त संस्कार मुक्त हो जाता है और कैवल्य के द्वार उसके लिए खुल जाते हैं। इस सार के साथ अब स्लाइड को देखे और यह सार जो अभीं बताया गया वह पूरे पतंजलि सूत्र के 195 सूत्रों का सार है अतः इसे स्पष्ट समझना आवश्यक है।
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