Wednesday, March 10, 2010

गीता ज्ञान - 100

आप को गीता ज्ञान श्रंखला के अंतर्गत सौ बातें गीता के आधार पर दी गयी जो संभवतः आदि - अंत रहित , अनंत गीता को सीमाबद्ध करनें की एक असफल कोशिश थी , अब आप इस कोशिश के सम्बन्ध में निम्न बातों को देखें -----
[क] बुद्ध - महाबीर राज महल को त्याग कर कठिन तप के जो पाया उसे लोगों में बाटनें के लिए अपना - अपना पूरा जीवन लगा दिया , लेकीन परिणाम क्या रहा ?
[ख] आदि गुरु शंकराचार्य से ओशो तक , बोधी धर्म से जद्दू कृष्णामूर्ति तक - बुद्धत्व प्राप्ति के बाद भोगी
लोगों को क्या बताना चाहा ?
[ग] विष्णु शहत्र नाम लोगों को क्या बताना चाहते हैं ?
[घ] गीता में लगभग 80 श्लोकों में लगभग 100 से भी कुछ अधिक परमात्मा को ब्यक्त करनें के लिए दिए गए उदाहरण हमें क्या बताना चाहते हैं ?
[च] गीता में लगभग 21 श्लोक जो आत्मा को ब्यक्त करते हैं वे लोगों को क्या देना चाहते हैं ?
गीता एक अनंत - यात्रा है जिसमें मनुष्य के -----
## जन्म से मृत्यु तक का रहस्य है ....
## भोग से ब्रह्म तक का राज है ...
## काम से राम तक के बिभिन्न तत्वों को ब्यक्त किया गया है .....
और जो परा भक्ति के द्वार को खोल कर कहता है -----
अब तू जो देख रहा है उसे मात्र देखो , समझनें की कोशिश न करना नहीं तो चुक जाओगे ।

====ॐ=====

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