Wednesday, March 24, 2010

श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी एवं गीता - 8

एक ओंकार





[क] श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का प्रारम्भ एक ओंकार से है .....

[ख] वेदों में हर एक मंत्र का प्रारम्भ ॐ से है .....

[ग] गायत्री ॐ से प्रारम्भ होता है , और ...........


** गीता में [ गीता सूत्र - 10.35 ] परम श्री कृष्ण कहते हैं --- गायत्री , मैं हूँ ।

** गीता में परम श्री कृष्ण कहते हैं [ गीता सूत्र - 7.8, 8.12 - 8.13, 10.23 - 10.26, 10.31, 14.21, 17.23 ]एक ओंकार , ॐ , ब्रह्म , मैं हूँ ।


और आगे --------


[क] संत जोसेफ [ बायबिल में ] का वह शब्द क्या है जो प्रभु है ?

[ख] तिब्बती प्रथा में उनका मूल मंत्र - ॐ मणिपद्मे हम क्या है जिसको सम्राट तितोरी के महल के ऊपर आकाश में सूना गया था ।

[ग] झेंन लोगों की ध्वनि रहित ध्वनि क्या है ?

[घ] कुरान शरीफ की आयतों की धुन जब आकाश में गूंजती है तब उस धुन में कौन सी धुन होती है ?

गीता में प्रभु को स्पष्ट करनें के लिए जो उदाहरण दिए गए हैं , वे सब .......

* भाव आधारित हैं ....
* भक्ति आधारित हैं ....
* बुद्धि आधारित हैं ...
* साकार हैं .....
* निराकार हैं ।

श्री ग्रन्थ साहीब जी अपरा भक्ति से परा भक्ति में पहुंचाता है जहां ज्ञान के माध्यम से
प्रभु ऊर्जा का बोध ह्रदय में होता है और गीता मूलतः बुद्धि आधारित ध्यान का माध्यम है ।


बुद्धि स्तर पर आप सोचते होंगे की एक ओंकार क्या क्या है ? तो आप पहले इसको जाननें की कोशिश करें --


16 billion years पूर्व आकाश में एक 100 light years ब्यास वाला hydrogen atom स्वतः बना और स्वतः फूट पडा जिसके फल स्वरुप ब्रह्माण्ड की रचना प्रारम्भ हुई और आज तक जो फ़ैल रहा है , वह एटम किस से और किस में बना ? विज्ञान के पास बिग बैंग से पूर्व की कोई जानकारी नही है और ऋग्वेद कहता है -----


वह स्वतः अपनी मर्जी से गतिमान हो पडा और ब्रह्माण्ड बना एवं जीव विकशित हुए ।


Big Bang का primeval seed श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का एक ओंकार , वेदों का आत्मा - ॐ है जो मनुष्य के ह्रदय में एक परम निर्विकार ऊर्जा संचालित करके मनुष्य को प्रभु से जोड़ता है ।


श्री गुरु ग्रन्थ साहिब की धुन में अपनें को उडनें दे .......

आयातों में कभी उडनें की कोशीश करें .....

ॐ की धुन में कभी बह कर देखें ........

एक ओंकार सत नाम में कभी अपनें को डुबो कर देखें , हो सकता है ----

इनसे गुजरानें के बाद आप स्वयं को जान कर धन्य हो उठें ।





====एक ओंकार सत नाम ======

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