Friday, January 1, 2010

गीता ज्ञान ---40

जीव निर्माण रहस्य


देखिये गीता सूत्र ---7.4 - 7.6 तक

यहाँ यदि आप गीता के निम्न श्लोकों को भी देखें तो यह रहस्य और स्पष्ट हो सकता है ----

गीता श्लोक --13.5 - 13.6 , 14.3 - 14.4

जीव रचना में गीता निम्न तत्वों की बात करता है ------

[क] पञ्च महाभूत [ पृथ्वी , जल , वायु , अग्नि , आकाश ]

[ख] मन , बुद्धि , अहंकार

[ग] चेतना

[घ] आत्मा - परमात्मा

यहाँ [क] + [ख] तत्त्व अपरा प्रकृति में हैं और [ग] परा प्रकृति है । आत्मा देह में परमात्मा है ।



मन जब संसार से जुड़ता है तब इसके निम्न तत्त्व और जुड़ जाते हैं ------

द्वैत्य ; सुख-दुःख

ध्रितिका

इच्छा

द्वेष ...आदि ।



विज्ञानं कहता है ----

पृथ्वी 5.4 billion वर्ष पूर्व जलती हुयी आग का गोला थी जो धीरे- धीरे ठंढी होती गयी और अब से लगभग 200 million वर्ष पूर्व यह ठोस रूप में आयी । वैज्ञानिक अनुमान है की अब से 200million वर्ष पूर्व डायनासोर पृथ्वी पर राज्य करते थे । पृथ्वी पर मनुष्य के जो अवशेष मिले हैं वे 6 million वर्ष पुरानें हैं । वैज्ञानिक यह भी कहते हैं की अब से लगभग 1.5 billion वर्ष बाद पृथ्वी से जीव समाप्त हो सकते हैं ।



प्रकृति - पुरुष योग से जीव का निर्माण जो गीता में है वह प्रोफ़ेसर आइन्स्टाइन को भी आकर्षित करता था ।



====ॐ=====

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