जीव निर्माण रहस्य
देखिये गीता सूत्र ---7.4 - 7.6 तक
यहाँ यदि आप गीता के निम्न श्लोकों को भी देखें तो यह रहस्य और स्पष्ट हो सकता है ----
गीता श्लोक --13.5 - 13.6 , 14.3 - 14.4
जीव रचना में गीता निम्न तत्वों की बात करता है ------
[क] पञ्च महाभूत [ पृथ्वी , जल , वायु , अग्नि , आकाश ]
[ख] मन , बुद्धि , अहंकार
[ग] चेतना
[घ] आत्मा - परमात्मा
यहाँ [क] + [ख] तत्त्व अपरा प्रकृति में हैं और [ग] परा प्रकृति है । आत्मा देह में परमात्मा है ।
मन जब संसार से जुड़ता है तब इसके निम्न तत्त्व और जुड़ जाते हैं ------
द्वैत्य ; सुख-दुःख
ध्रितिका
इच्छा
द्वेष ...आदि ।
विज्ञानं कहता है ----
पृथ्वी 5.4 billion वर्ष पूर्व जलती हुयी आग का गोला थी जो धीरे- धीरे ठंढी होती गयी और अब से लगभग 200 million वर्ष पूर्व यह ठोस रूप में आयी । वैज्ञानिक अनुमान है की अब से 200million वर्ष पूर्व डायनासोर पृथ्वी पर राज्य करते थे । पृथ्वी पर मनुष्य के जो अवशेष मिले हैं वे 6 million वर्ष पुरानें हैं । वैज्ञानिक यह भी कहते हैं की अब से लगभग 1.5 billion वर्ष बाद पृथ्वी से जीव समाप्त हो सकते हैं ।
प्रकृति - पुरुष योग से जीव का निर्माण जो गीता में है वह प्रोफ़ेसर आइन्स्टाइन को भी आकर्षित करता था ।
====ॐ=====
Friday, January 1, 2010
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