Thursday, January 7, 2010

गीता ज्ञान - 45

अज्ञानी कौन है ?-----गीता ...7.27
यहाँ देखिये गीता - सूत्र ....7.20 , 18.72 , 18.73
ये सूत्र कहते हैं - कामना - मोह अज्ञान की जननी हैं । गीता सूत्र 7.27 कहता है ----
इच्छा , मोह , द्वेष , द्वंद्व से प्रभावित ब्यक्ति , अज्ञानी होता है ।
इच्छा क्या है ? देखिये गीता सूत्र ....2.55, 2.62, 2.71, 4.10, 4.12, 6.2, 6.4, 6.24, 7.20, 7.27,
14.7, 14.12, 14.19
और मोह के लिए देखिये गीता सूत्र ...1.22 - 1.47, 2.1, 2.52, 2.71, 4.10, 4.23, 7.27, 14.8,
14.17, 18.72, 18.73 तथा इनके साथ इनको भी देखें तो अच्छा रहेगा .......
3.34, 3.37, 6.27, 13.2, 13.7 - 13.11, 18.59

कामना राजस गुण का तत्त्व है और मोह तामस गुण का तत्त्व है । मोह में कामना अन्दर छिपी होती है और बाहर आँखें गीली दिखती हैं । मोह का अहंकार अन्दर होता है और कामना का अहंकार बाहर । मोह कामना का भिखारी-रूप है जिसको पकड़ना अति कठिन होता है ।

राजस और तामस गुण साधना में मजबूत बंधन हैं जो समय- समय पर कामना , क्रोध , राग , लोभ ,मोह , भय और
अहंकार के रूपों में दीखते हैं ।

======ॐ=====

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