विज्ञानकहता है...........प्रकाश की गति परम-गति है {speed of light is ultimate speed-
science-says} लेकिन गीता कहता है किमन की रफ्तार परम है
गीता मन की पूरी गडितदेता है और कहता है..........जो मन को मापा वह जीवन को समझा
विचारों को पकड़ कर निर्विचार होना ही मन-योग है ------यह बात गीता श्लोक ६.२६
कहता है
गीता और विज्ञान दोनों मन को शरीर समाप्ति के बाद भी जीवित रहने की बात करते हैं ....
आप इस रहस्य को आगे चलकर गीता-मोतीमें देख सकेंगे
Sunday, February 15, 2009
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