राग से संसार और वैराग से परमात्मा
आशक्ति से संसार और विरक्ति से परमात्मा
चाह से संसार और उदासीनता से परमात्मा
संदेह से संसार और श्रद्धा से परमात्मा
अहंकार से संसार और प्यार से परमात्मा
से
जुड़ना सम्भव होता है
यदि आप गीता से जुड़ना चाहते हैं तो आप इसमंत्र को अपनें अंदर अच्छी तरह से बैठा लें
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