Sunday, April 19, 2009

मन्दिर-११[मन्दिर और चंदन]

मंदिर चंदन और नारियल के सम्बन्ध को समझना साधना के मार्ग को सुगम बनाता है अतः यहाँ हम कुछ इस सम्बन्ध में मन-बुद्धि के स्तर पर समझनें की कोशिश कर रहे हैं ।
चंदन और नारियल मध्य भारत और उत्तर भारत में नहीं पाया जाता यह केरल और मैसूर की देन हैं । शंकराचार्य
के बाद उत्तर भारत में पूजा एवं मन्दिर-साधना का मार्ग एक नया मोड़ लिया- ज्यादा तर मंदिरों का आधिपत्यकेरल के नम्बूदरी पाद ब्राहमणों के हाथ में चला गया क्योंकि आदि शंकराचार्य भी नम्बूदरी-ब्रह्मण थे ।
मंदिरों के पुजारिओं को नारियल चाहिए था क्योंकि वह उनके भोजन का अभिन्न अंग था अतः पूजा के माध्यम से
वे लोग नारियल को दक्षिण से उत्तर में ले आने में सफल हो गए । अब आप ज़रा सोचिये की आज से हजारों वर्ष पूर्व में आवागमन के कितनें साधन थे , लोगों के आवागम के क्षेत्र कितनें सीमित थे ऐसे में नारियल केरल से
केदार नाथ कैसे पहुँच सकता था ? शंकाराचार्य के पूर्व मध्य भारत तथा उत्तर-भारत में मीमांसक , बुद्ध, महावीर
एवं तंत्र का अधिक जोर था और इन साधनाओं में किसी चीज की जरुरत नहीं पड़ती क्योंकि इनका सम्बन्ध साकार
से सीधे तौर पर नहीं होता।
हिंदू लोग चंदन का प्रयोग करते हैं और सूफी लोग लोबान का क्या गंध का साधना से कोई सम्बन्ध है ?
यह बिषय भी कम रोचक नहीं अतः हम यहाँ चन्दनं को समझनें की कोशिश करते हैं। चंदन कहाँ-कहाँ लगाया जाता है ? सर पर वह स्थान जहाँ चोटी रखी जाती है, मस्तक का मध्य भाग, ज्ञानेन्द्रियाँ, भुजाओं का मध्य भाग,
कंठ,ह्रदय, नाभि, मेरु-दंड का निचला भाग आदि चंदन लगाने के स्थान हैं । तंत्र-साधना में चक्रों की ऊर्जा को
रूपांतरित करनें की ध्यान बिधियाँ हैं और पूजा-पाठ तथा साकार साधना में यही काम चंदन के माध्यम से करनें
का प्रयाश किया जाता है । आगे चल कर जब हम चक्र-साधना की बात को देखेंगे तब आप को स्पष्ट हो पायेगा की
चक्रों का हमारे जीवन में क्या महत्व है ?
चंदन जहाँ भी होगा एक रेडियो-धर्मी पदार्थ की तरह अपने चारों तरफ़ एक विशेष प्रकार का ऊर्जा-क्षेत्र
बना लेता है जिसके अंदर रहनें वाले के अंदर की उर्जा का रुख बदलनें लगता है। आप कभीं चंदन लगा कर देखना -
और तब हमारी कही जा रही बातों पर सोचना-आप को बड़ा मजा मिलेगा । ॐ की साधना के लिए चंदन एक
अति आवश्यक बस्तु है , आगे चलकर तंत्र-साधना के अंतर्गत चक्र-विज्ञानं में हाँ आज्ञा चक्र के सन्दर्भ में पुनः
चंदन की कुछ और बातों को देखेंगे ।
=======ॐ========

1 comment:

  1. नारियल केरल से उत्तर भारत कैसे पहुंचा ........आज पता चला.....एक अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद !!!!!!!

    ReplyDelete

Followers