Monday, April 20, 2009

मन्दिर-१२[काशी विश्वनाथ]

हमेंवह जगहें पुकार रही हैं ---------
१- गोकुल की वह जगह जहाँ दुर्बाषा ऋषि को परम श्री कृष्ण परम ज्ञान दिया ।
२- वह जगह जहाँ सीता श्री राम को पुकारी थी जब रावन उनको ले जा रहा था ।
३- काशी का वह घाट जहाँ शिव एक अछूत के रूप में आदिशंकराचार्या को ज्ञान दिया था ।
४- द्वारिका का वह मन्दिर जहाँ मीरा कन्हैया की मूरत में समायी थी ।
५- काशी का कबीर चौरा जहाँ कबीरजी राम-धुन गुनगुनाते थे ।
क्या आप कभीं काशीमें रहें हैं ? ........यदि नहीं तो जाना भी नहीं ...और यदि गए होंगे तो निराशा ही हुयी होगी ।
आप इन सभी प्रश्नों के बारे में सोचना लेकिन बाद में ।
काशी जाया नहीं जाता --काशी तो बुलाता है ---लेकिन कब ? ---इस प्रश्न को भी आप समझेंगे ,बाद में ।
जो काशी आप जानते हैं वह --वह काशी नहीं है जिसकी तलाश हमको है ।
बर्तमान काशी का विश्वनाथ मन्दिर वह मन्दिर नहीं है जहाँ ज्योतिर्लिन्गम है ।
यह काशी वह काशी नहीं जो शिव के त्रिशूल पर है जो टाइम-स्पेस में नहीं है और है भी ।
हाँ.....यह काशी वह काशी जरुर है जो--------
गंगा के तट पर है
जहाँ से गंगा का रुख बदलता है और---------
जहाँ से शिव-काशी में प्रवेश मिल सकता है ।
काशी एवं सभी तापोभूमियाँ तो पुकार रही हैं लेकिन सुनता कौन है ?
काशी में रहकर यदि कोई अपनें को ऐसा टियून करले जिस से उसकी पूरी ऊर्जा चेतना पर केंद्रित हो जाए, संसार
के रहस्य का पता चल जाए और यह पता चले की हम क्या हैं तब-------
बर्तमान काशी में वह चाभी मिलती है जिस से परम काशी का द्वार खुलता है तथा जिसके माध्यम से हम देखते हैं
१- ज्योतिर्लिन्गम के परम प्रकाश को जो पूरे ब्रह्माण्ड के होनें का श्रोत है ।
२- कबीर दास की वाणियों को जो वह गाया करते थे ।
३- नानकजी को गंगा में दुबकी लेते हुए ।
४- आदि शंकराचार्य को मरण कंटिका घाट पर जहाँ उनको शिव के अस्तित्व का पता चला ।
५- काशी में गूंज रही उस परम धुन को भी हम सुन सकते हैं जिस से ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति हुयी है ।
काशी को आप मनोरंजन का स्थान न समझें --यह प्रयोग शाला है जो मनुष्य का पूरा रूपांतरण करता है

========ॐ=========

1 comment:

  1. सुंदर अति सुंदर...... में भी काशी गया था .......
    जो बात आप कह रहे "काशी को आप मनोरंजन का स्थान न समझें"--यह प्रयोग शाला है "
    ये बात बताने वाला वहा कोन है. सब ही अपने पेट भरने वाले मिले........
    इस लिए बनारस (काशी) बस एक पर्यटन का केंद्र बनगया है..... सेनालियो के लिए बनारस एक नशे का अड्डा .....
    किस काशी की आज के समय में बात करे......सब कुछ व्यापार में बदल गया है.

    my e-mail : rmaheshwari488@gmail.com

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