Wednesday, September 8, 2010

गीता अमृत - 23

कर्म -योग समीकरण - 04

[क] गीता सूत्र - 2.52


मोह के साथ वैराग्य में उतरना असंभव है ......

[ख] गीता सूत्र - 18.72 , 18.73

संदेह एवं अज्ञान , मोह की पहचान है ......

[ग] गीता सूत्र - 6.27

राजस गुण प्रभु मार्ग का सबसे मजबूत रुकावट है .......

गीता के चार सूत्र यहाँ आप को कर्म - योग के सम्बन्ध में दिए गए ,

वह जो कर्म - योग के माध्यम से
प्रभु में पहुँचना चाहता है , उसको इन सूत्रों को अपनाना चाहिए ।


राजस एवं तामस गुण भोग से जोड़ते हैं और सात्विक गुण प्रभु की ओर रुख करता है
लेकीन एक स्थिति ऎसी भी
आती है जब सात्विक गुण भी रुकावट बन जाता है ॥

==== ॐ ======

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