Tuesday, September 14, 2010
गीता अमृत - 29
कर्म - योग समीकरण - 10
[क] गीता सूत्र - 3.8
कर्म से तो बचना संभव नहीं , कर्म तो करना ही है लेकीन कर्म करनें में भोग की रस्सी को ढीली करते रहना है ।
[ख] गीता सूत्र - 18.11 , 18.48
सभी कर्म दोष युक्त हैं , कर्म में उनके अन्दर छिपे दोषों को समझना , कर्म की पकड़ को ढीली करता है ।
[ग] गीता सूत्र - 4.21
कामना रहित जब कर्म होते हैं तब उन कर्मों से पाप नहीं हो सकते ।
गीता के तीन सूत्र भोग कर्म को योग कर्म में बदल सकते हैं यदि ----
कर्म करने वाला इन तत्वों पर होश बनाए रखे ॥
=== ॐ ======
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बहुत सुन्दर !
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